🌧️ सावन 2025: दिल से जुड़ा एक महीना
सावन वह महीना है, जब मानसून की बूँदों की कोमल झंकार और शिवभक्ति का उत्साह एक साथ गूंजता है। इस साल, पवित्र सावन का आरंभ 11 जुलाई 2025 (शुक्रवार) से होगा और यह 9 अगस्त 2025 (शनिवार) तक चलेगा, हालाँकि अलग-अलग प्रांतों में यह कुछ ज़्यादा या कुछ कम हो सकता है ।
💖 चार सोमवार: शिव के प्रति समर्पण
हर सावन में चार विशेष सोमवार (सोमवार) आते हैं, जब शिवलिंग पर जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण और मंत्र-उच्चारण का विशेष महत्व होता है।
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14 जुलाई – पहला सावन सोमवार
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21 जुलाई – दूसरा
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28 जुलाई – तीसरा
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4 अगस्त – चौथा
इन दिनों घर-परिवार सजते, भजन-पूजन होता और मन की गहराइयों में शांति की प्रेरणा मिलती है।
🎉 सावन के खास दिन
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सावन शिवरात्रि — कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (24–25 जुलाई 2025), जब रात भर जागरण और शिव भक्तों का जोश चरम पर होता है ।
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हरियाली तीज — श्रावण शुक्ल तृतीया (27 जुलाई), खासकर विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु और खुशहाली के लिए मनाई जाती है ।
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नाग पंचमी — श्रावण शुक्ल पंचमी (29 जुलाई), जब नाग देवता की पूजा होती है—फलस्वरूप सांस्कृतिक और ग्रामीण जीवन में मान्यताओं का मिश्रण बनता है ।
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रक्षाबंधन — सावन पूर्णिमा (9 अगस्त), भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का उत्सव ।
🏞️ कांवड़ यात्रा: श्रद्धा की पैदल यात्रा
सावन में ही ‘कांवड़ यात्रा’ की तर्ज़ चलती है — यह श्रद्धालुओं द्वारा गंगा या अन्य पवित्र नदियों से जल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाने का तीर्थयात्रा रूप है।
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ये कपाट 11 जुलाई से चालू होते हैं, 9 अगस्त तक चलते हैं ।
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रास्तों पर जुटे मानवों का हुजूम, और ट्रैफिक-ज़माव किसी उत्सव से कम नहीं ।
🌱 सावन: आध्यात्मिकता से सेहत तक
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Rudrabhishek (शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद आदि का पंचामृत अर्पण): कहते हैं, इससे शिवजी प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ण करते हैं ।
- भोजन-पथ्य: फल, दूध, साबूदाना-पकवान, सिंघाड़े आटे से बनी हल्की-सेहतमंद व्रत-भोजन श्रेयस्कर माने जाते हैं
- काव्य की झलक: सावन की बरखा, “रिमझिम …” जैसे गीत, माल्यार्पण-भजन, शिव की आराधना — यह वो समय है जब आत्मा गीतों की धुन पर झूम उठती है
- आयुर्वेद अनुसार: मानसून के शुरूआती दिनों में हल्का व्रत, पदार्थों का संयम शरीर को शुद्ध रखता है
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